इन्द्रधनुष का निर्माण
बारिश के दिन वायु में लटकी हुई पानी की बूंदों द्वारा सूर्य के प्रकाश के वर्ण विक्षेपण से प्रकृति में एक भव्य प्रभाव उत्पन्न होता है।
यदि सूर्य की ओर हमारी पीठ हो तो, हमें एक दीप्त (चमकीला) व एक धुधंला इन्द्रधनुष दिखाई दे सकता है। चमकीले इन्द्रधनुष को प्राथमिक तथा धुंधले को द्वितीयक इंद्रधनुष कहते हैं। कभी-कभी हमें केवल एक इंद्रधनुष दिखलाई देता है।
ये इंद्रधनुष किसी वृत्त की रंगीन चाप के रूप में होते हैं और जिनका संयुक्त केन्द्र सूर्य को हमारी आंख से जोड़ने वाली सरल रेखा पर होता है। इन्द्रधनुष को प्रातः या सांयकाल में किसी फुहारे में भी देखा जा सकता है जब सूर्य की किरणों पानी की बूंदों पर किसी विशेष कोण पर पड़ रही होती हैं।
प्राथमिक इन्द्रधनुष
प्राथमिक इन्द्रधनुष पानी की बूंद द्वारा सूर्य के प्रकाश के दो अपवर्तनों तथा एक आतंरिक परावर्तन से बनता है। दकार्त ने स्पष्ट किया था कि इन्द्रधनुष उन किरणों के द्वारा दिखाई देता है जिनका न्यूनतम विचलन होता है। सूर्य के प्रकाश की वे समांतर किरणों जिनका विचलन 137°29' होता है या जो आपतित किरण से हमारी आंख पर 42°31' का कोण बनाती हैं, पानी की बूंद से बाहर निकलने के पश्चात् इन्द्रधनुष के चमकीले रंगों को उत्पन्न करती हैं। पानी के कारण वर्ण विक्षेपण के कारण भिन्न-भिन्न रंग (लाल से बैगनी तक) अपने-अपने चाप (या वृतांश) बनाते हैं, जो लाल रंग के लिए 43° और बैंगनी के लिए 41°के शंकुओं के अंदर होते हैं और इन्द्रधनुष का बाहरी व भीतरी भाग बनाते हैं।
- (a) प्रकाश की एक किरण जिसका पानी की बूंद से दो बार अपरावर्तन तथा एक बार आंतरिक परावर्तन होता है। मध्यमान न्यूनतम विचलन कोण 137°29,और
- (b) पानी की बूंद द्वारा वर्ण विक्षेपण
द्वितीयक इन्द्रधनुष
द्वितीयक इन्द्रधनुष पानी की बूंद से सूर्य के प्रकाश के दो बार अपवर्तन व दो बाद आंतरिक परावर्तन से बनता है। लाल व बैगनी रंगों के लिए न्यूनतम विचलन कोण क्रमशः 231° तथा 234° होते हैं। अतः ये लाल रंग के लिए 51° का तथा बैंगनी रंग के लिए 54° का शंकु बनाते हैं। 6 से स्पष्ट है कि द्वितीयक इन्द्रधनुष में लाल रंग उसके भीतरी भाग तथा बैंगनी रंग उसके बाहरी भाग में होगा।
चित्र में प्राथमिक तथा द्वितीयक इन्द्रधनुषों का एक साथ बनना दिखाया गया है। दो प्रकार के इन्द्रधनुषों के बीच का स्थान अपेक्षाकृत धंधुला होता है। ध्यान दीजिए कि द्वितीयक इन्द्रधनुष प्राथमिक इन्द्रधनुष के ऊपर होता है।
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