भ्रष्टाचार के प्रकार (Types of Corruption)
भ्रष्टाचार को उसकी प्रकृति, क्षेत्र तथा उद्देश्यों के आधार पर कई प्रकारों में वर्गीकृत किया जा सकता है। भ्रष्टाचार के विभिन्न संस्थाओं द्वारा विभिन्न रूप बताए गए हैं, जो निम्न प्रकार है-
भ्रष्टाचार के प्रकार
- विश्व बैंक के अनुसार (अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ में)
- केन्द्रीय सतर्कता आयोग के अनुसार (भारतीय संदर्भ में)
विश्व बैंक के अनुसार
विश्व बैंक ने भ्रष्टाचार को उसकी प्रवृत्ति, क्षेत्र तथा उद्देश्यों के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर 6 प्रकारों में वर्गीकृत किया जो निम्नानुसार हैं-
- प्रशासनिक भ्रष्टाचार
- लघु भ्रष्टाचार
- राजनीतिक भ्रष्टाचार
- वृहद भ्रष्टाचार
- लोक भ्रष्टाचार
- निजी भ्रष्टाचार
- प्रशासनिक भ्रष्टाचार - प्रशासन में सर्वाधिक प्रवर्तित इस श्रेणी में लोक नीति, नियमों तथा प्रक्रियाओं में हेर-फेर करके किसी को अवैध लाभ पहुंचाया जाता है।
- राजनीतिक भ्रष्टाचार - वोट खरीदने से लेकर नीति एवं कानून के निर्माण एवं क्रियान्वयन तक की प्रक्रिया में सम्मिलित राजनीतिक नेतृत्व द्वारा किया जाने वाला भ्रष्टाचार, राजनीतिक भ्रष्टाचार कहलाता है।
- लोक भ्रष्टाचार - जनता की सुविधा के लिए बनाए गए संगठनों का इस्तेमाल निजी लाभ के लिए करना ही लोक भ्रष्टाचार है।
- निजी भ्रष्टाचार - व्यक्तिगत स्तर पर किया जाने वाला भ्रष्टाचार जैसे- माफिया द्वारा स्थानीय व्यक्तियों या व्यापारियों से पैसे ऐंठना आदि निजी भ्रष्टाचार है।
- वृहद भ्रष्टाचार - उच्च स्तर पर किये जाने वाला भ्रष्टाचार जिसमें राजनीतिज्ञों से लेकर उच्च अधिकारी तक प्रत्यक्ष रूप से लिप्त रहते हैं। हालांकि आम जनता पर इसका प्रभाव अप्रत्यक्ष रूप से ही पड़ता है। जैसे-उच्च स्तरों पर पैसे का भारी लेन-देन करना।
- लघु भ्रष्टाचार - निचले स्तर पर व्याप्त छोटा या फुटकर भ्रष्टाचार जो जोर-जबरदस्ती के साथ किया जाता है। तथा आम जनता को सीधे प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करता है और यह फुटकर या छोटा भ्रष्टाचार पूरे देश में बड़े पैमाने पर फैला हुआ है। जैसे-कम पैसे लेकर छोटे-कार्मिकों द्वारा किया जाने वाला भ्रष्टाचार।
केन्द्रीय सतर्कता आयोग के अनुसार
केन्द्रीय सतर्कता आयोग ने भ्रष्टाचार को उसकी प्रकृत्ति, क्षेत्र व विषय वस्तु के आधार पर 27 प्रकारों में वर्गीकृत किया है, जो निम्नानुसार हैं-
- शासकीय पद या अधिकारों एवं शक्तियों का दुरुपयोग करना।
- सार्वजनिक धन और कोष का दुरुपयोग करना।
- निम्नस्तरीय वस्तुओं या कार्य को स्वीकार करना।
- आय से अधिक संपत्ति रखना।
- अनैतिक आचरण करना।
- उपहार प्राप्त करना।
- ठेकेदारों एवं फर्मों को रियायतें प्रदान करना।
- लालच एवं अन्य कारणों से शासन को हानि पहुँचाना।
- टेलीफोन कनेक्शन देने में अनियमितता व लापरवाही करना।
- आयकर, सम्पत्ति कर आदि को कम बताना या छिपाना।
- भर्ती, नियुक्ति, स्थानांतरण एवं पदोन्नति के संबंध में गैर-कानूनी रूप से धन लेना।
- शासकीय आवास (क्वार्टरों) पर अनाधिकृत कब्जा एवं उन्हें गलत ढंग से किराए पर देना।
- विस्थापितों के दावों का गलत मूल्यांकन करना।
- रेल एवं वायुयान के सीट आरक्षण एवं कोटे में अनियमितता बरतना।
- पुराने स्टांप या डाक टिकट का प्रयोग पत्र-व्यवहार में करना।
- जाति, जन्म व मृत्यु के जाली प्रमाण-पत्र पैसे लेकर बनाना।
- शासकीय कर्मचारियों को अपने निजी कार्यों में प्रयोग करना।
- बिना पूर्वानुमति या पूर्व सूचना के अचल संपत्ति अर्जित करना।
- विस्थापितों के दावों के निपटान में अनावश्यक विलंब करना।
- मनीऑर्डर, बीमा एवं मूल्य देय पार्सलों को प्राप्तकर्ता को न देना।
- आयात-निर्यात लाइसेंस देने में अनियमितता।
- शासकीय कर्मचारी की जानकारी एवं सहयोग से साँठ-गाँठ करके कंपनियों के आयातित एवं आवंटित कोटे का दुरुपयोग करना।
- झूठे दौरों, भत्तों, बिल एवं गृह किराया आदि का दावा करना।
- वाहन खरीदने के लिए स्वीकृत अग्रिम धनराशि का दुरुपयोग करना।
- ऐसी फर्मों या व्यक्तियों से ऋण लेना जिनसे कार्यालयीन संबंध है।
- जिन व्यक्तियों से अधिकारियों के कार्यालयीन संबंध हैं उनके वित्तीय दायित्वों को वहन करना।
- आवासीय भूमि की खरीद-बिक्री में धोखाधड़ी करना।
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