भारत के प्रमुख बंदरगाह
भारत में 13 बड़े बन्दरगाह
भारत
के प्रमुख बन्दरगाह |
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नाम |
राज्य\केन्द्र शासित
प्रदेश |
नदी
खाड़ी एवं
समद्र |
कोलकाता |
प. बंगाल |
हुगली नदी |
मुम्बई |
महाराष्ट्र |
अरब
सागर |
चेन्नई |
तमिलनाडु |
बंगाल की खाड़ी |
कोच्चि |
केरल |
अरब
सागर |
विशाखापत्तनम |
आन्ध्र प्रदेश |
बंगाल की खाड़ी |
पारादीप |
ओडिशा |
बंगाल
की खाड़ी |
तूतीकोरिन |
तमिलनाडु |
बंगाल की खाड़ी |
मर्मागोवा |
गोवा |
अरब
सागर |
कांडला |
गुजरात |
अरब सागर |
न्यू
मंगलूरु |
कर्नाटक |
अरब
सागर |
न्हावाशेवा (जेएल. नेहरू) |
महारास्ट्र |
अरब सागर |
एनोर |
तमिलनाडु |
बंगाल
की खाड़ी |
पोर्ट ब्लेयर |
अंडमान |
बंगाल की खाड़ी |
पश्चिमी तट पर स्थित प्रमुख बंदरगाह
पश्चिमी
तट पर स्थित प्रमुख बंदरगाह |
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बंदरगाह |
विशेषताएँ |
कांडला |
यह गुजरात में स्थित ज्वारीय बंदरगाह है।
वर्तमान में इस बंदरगाह का नाम दीनदयाल पोर्ट ट्रस्ट हो गया है। उत्तर भारत को माल आपूर्ति करने वाला यह
सबसे बड़ा बंदरगाह है। यहाँ पर आयात-निर्यात की मुख्य वस्तुओं
में कच्चा तेल, तेल के विभिन्न उत्पाद,
उर्वरक,
खाद्यान्न,
नमक,
कपास,
सीमेंट,
चीनी
तथा खाद्य तेल प्रमुख हैं। |
मुंबई |
मुंबई
भारत के पश्चिमी तट पर सालसेट द्वीप पर स्थित वर्ष पर्यंत खुला रहने वाला यह एक प्राकृतिक
बंदरगाह है। यह
भारत का विशालतम टर्मिनल है। सभी
बंदरगाहों से होने वाले कुल व्यापार का 20% से भी अधिक व्यापार इसी बंदरगाह से होता
है। यहाँ
एक मुक्त व्यापार क्षेत्र स्थापित किया गया है। यहाँ से मुख्यतः सूती एवं ऊनी
कपड़े, चमड़े का सामान, पेट्रोलियम, मशीन, इंजीनियरिंग सामान आदि का निर्यात किया
जाता है। |
न्हावाशेवा या न्यू मुंबई |
इसे जवाहरलाल नेहरू पत्तन के नाम से भी
जाना जाता है। यह भारत का आधुनिक पत्तन है,
जहाँ
सर्वत्र अत्याधुनिक कंप्यूटर नियंत्रित तकनीकों का प्रयोग किया जाता है। |
मार्मागाओ
या मार्मागावो |
यह
बंदरगाह गोवा में स्थित है। यह
एश्चुअरी (नदमुख के मुहाने) पर स्थित एक प्राकृतिक बंदरगाह के रूप में है। यहाँ
से मुख्यत: लौह अयस्क का निर्यात किया जाता है। |
न्यू मंगलौर |
यह बंदरगाह कर्नाटक में स्थित है। इस बंदरगाह में कुंद्रेमुख के लौह अयस्क
के निर्यात की सुविधा विशेष रूप से उपलब्ध कराई गई है। |
कोचीन |
यह
केरल के तट पर स्थित भारत का एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह है। अरब
सागर की रानी बेवनाद कयाल को कहा जाता है। इसी के मुहाने पर कोचीन एक प्राकृतिक बंदरगाह
के रूप में स्थित है। यहाँ
से चाय, काजू, रबड़, मछली, कहवा तथा गरम मसालों का निर्यात किया
जाता है। खनिज
तेल एवं रासायनिक पदार्थों का भी यहाँ से आयात होता है। |
पूर्वी तट पर स्थित प्रमुख बंदरगाह
बंदरगाह | विशेषताएँ |
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कोलकाता | यह पूर्वी तट का सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह है। यह पश्चिम बंगाल में बंगाल की खाड़ी से 128 किमी. अंदर की ओर हुगली नदी के किनारे पर स्थित है। यह बंदरगाह अंग्रेजों के शासन के समय से ही विकसित है। इस बंदरगाह से मुख्यत: पटसन उत्पादों, पशुओं की अस्थियों, बिजली का सामान, चमड़े का सामान, लोहा-इस्पात, मशीनरी, अभ्रक, चाय तथा लकड़ी का निर्यात किया जाता है। यहाँ के मुख्य आयात मैंगनीज़, सीमेंट, कच्चा तेल, खाद्यान्न, उर्वरक मशीनरी आदि हैं। |
पारादीप | यह बंदरगाह ओडिशा में स्थित है। यहाँ से ओडिशा का लौह अयस्क जापान आदि देशों को निर्यात किया जाता है। |
विशाखापत्तनम | यह बंदरगाह आंध्र प्रदेश के तट पर सबसे गहरा प्राकृतिक बंदरगाह है। यह एक भू-आबद्ध पत्तन है, जिसे ठोस चट्टान और बालू को काटकर एक नहर द्वारा समुद्र से जोड़ा गया है। यहाँ 'डॉल्फिन नोज' नामक पहाड़ी निकली हुई है जिससे यह बंदरगाह मानसून के प्रभाव से बचा रहता है। यहाँ से मैंगनीज़, लौह-अयस्क, गरम मसाले आदि निर्यात किये जाते हैं। |
चेन्नई | यह तमिलनाडु में स्थित कृत्रिम बंदरगाह है। यहाँ से तेल उत्पादों, उर्वरकों, लौह-अयस्क तथा दैनिक जीवन की वस्तुओं का व्यापार होता है। |
एन्नौर | यह एक नया बंदरगाह है, जो तमिलनाडु में स्थित है। वर्तमान में इस बंदरगाह का नाम कामारजार पोर्ट लिमिटेड है। |
तूतीकोरिन | यह तमिलनाडु में स्थित कृत्रिम बंदरगाह है। 27 जनवरी, 2011 को तूतीकोरिन पोर्ट ट्रस्ट का नाम बदलकर 'चिंदबरनार पोर्ट ट्रस्ट' कर दिया गया। |
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