सकर्मक क्रिया
जिस क्रिया के साथ कर्म रहता है अथवा उसके रहने की संभावना रहती है, उसे सकर्मक क्रिया कहते हैं। सरल भाषा में जब क्रिया का प्रभाव सीधे कर्म पर पड़ता है तब वह सकर्मक क्रिया कहलाती है।
सकर्मक क्रिया का अर्थ क्या है?
सकर्मक क्रिया का अर्थ कर्म के साथ होता है. क्रिया का वह रूप जिसमें क्रिया का प्रभाव कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है तो क्रिया के उस रूप को सकर्मक क्रिया कहते हैं. सकर्मक क्रिया में कर्म पाया जाता है.
सकर्मक क्रिया के उदाहरण sakarmak kriya ke udaharan
जैसे-
- मां पत्र लिखती है।
- मैं खुशी से हँसता हूँ।
- नीता खाना खा रही है।
- बच्चे जोरों से रो रहे हैं।
- श्याम फिल्म देख रहा है।
- राम आम खाता है।
- तुम एक किताब पढ़ते हो।
- रेखा खाना बनाती है।
- अखबार पढ़ रहा है।
- शबनम पत्र लिख रही है।
इन वाक्यों में क्रिया का फल कर्म पर पड़ता है।
पहले वाक्य में पढ़ना क्रिया का प्रभाव 'अखबार' पर पड़ रहा है और दूसरे वाक्य में लिखना किया का प्रभाव पत्र पर पड़ रहा है। अत: पढ़ना और लिखना सकर्मक क्रियाएँ हैं।
कुछ सामान्य सकर्मक क्रियाएँ इस प्रकार हैं-
खाना |
पीना |
बताना |
सुनाना |
देना |
काटना |
बेचना |
डराना |
जीतना |
खरीदना |
रूलाना |
खिलाना |
पढाना |
धोना |
सकर्मक क्रिया के दो भेद हैं:
एककर्मक क्रिया
वे सकर्मक क्रिया जिन्हें केवल एक ही कर्म की आवश्यकता होती है, एककर्मक क्रिया कहलाती है।
जैसे-
- अमित कविता लिखता है।
- वह घर जाता है।
- वह नाच रहा है।
- बंदर केला खा रहे हैं।
- कुत्ते भौंक रहे हैं।
द्विकर्मक क्रिया
जिनकी क्रियाओं में दो कर्मों की आवश्यकता होती है- एक कर्म से वाक्य में अधूरापन रहता है- ऐसी क्रियाओं को द्विकर्मक क्रिया कहते हैं।
जैसे-
- रेखा शिक्षिका से हिंदी पढ़ती है।
- राधा ने गरीबों को खाना खिलाया।
- संतो ने सोहन को आशीर्वाद दिया।
- श्याम अपने पिता के साथ बाजार जा रहा है।
- पीयूष अपनी बहन के साथ सेब खा रहा है।
किसी वाक्य में प्रयुक्त क्रिया सकर्मक है या अकर्मक, यह जानने के लिए वाक्य में 'क्या' लगाकर प्रश्न पूछिए। यदि उत्तर मिले तो क्रिया सकर्मक होगी और उत्तर न मिले तो क्रिया अकर्मक होगी।
जैसे-
- रोहन पत्र पढ़ता है।
- दीपू सोता है।
ऊपर के वाक्यों में पढ़ना सकर्मक क्रिया है जबकि सोना अकर्मक।
अकर्मक और सकर्मक क्रिया की पहचान
अकर्मक और सकर्मक क्रिया के अंतर को समझने के लिए वाक्यों में आई क्रिया पर 'क्या' प्रश्न लगाकर देखना चाहिए। यदि 'क्या' प्रश्न करने पर कोई निर्जीव संज्ञा प्राप्त होती है, तो वह संज्ञा उस क्रिया की 'कर्म' होगी तथा क्रिया सकर्मक कहलाएगी; जैसे-सक्षम चित्र खरीदता है-वाक्य में प्रयुक्त क्रिया से यदि 'क्या' प्रश्न किया जाए (क्या खरीदता है), तो उत्तर में 'चित्र'-निर्जीव संज्ञा प्राप्त होती है। अतः 'चित्र' कर्म है तथा 'खरीदता है' सकर्मक क्रिया है।
यदि वाक्य में प्रयुक्त क्रिया से 'क्या' प्रश्न करने पर कोई निर्जीव संज्ञा प्राप्त न हो, तो क्रिया अकर्मक मानी जाती है। जैसे-वह सो रहा है-वाक्य में क्रिया 'सो रहा है' से 'क्या सो रहा है' प्रश्न किया जाए, तो उत्तर में कोई निर्जीव संज्ञा प्राप्त नहीं होती, अतः 'सो रहा है' अकर्मक क्रिया है।
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